अलीगढ़! 14 सितम्बर "हिन्दी राष्ट्रीय दिवस" के साहित्यिक पखवाड़े में "पं. दीन दयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ भारत सरकार" एक राष्ट्रीय हिन्दी अधिवेशन एवं सम्मान समारोह का आयोजन करेगी। जिसमें देश के जाने-माने हिन्दी साहित्य मनीषियों, विद्वानों, लेखकों व कलमकारों को "विद्या वाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि" से सम्मानित करेगी।
इसी क्रम में पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ भारत सरकार के कुलपति डॉ॰ इन्दु भूषण मिश्र देवेन्दु ने एक पत्र जारी कर कहा, कि इस बार "नीरज की नगरी" अलीगढ़ से साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने गीतों को नया आयाम देने वाले,शिक्षाविद् गीतकार अवनीश राही की शिक्षा, योग्यता एवं 40 वर्षों के लम्बे अनुभव को देखते हुए कला, साहित्य,संस्कृति, शिक्षण एवं गीत-लेखन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने पर उनके अतुलनीय योगदान हेतु उन्हें "विद्या वाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि 2024" के "सर्वोच्च सम्मान" से सम्मानित करेगी।
गीतकार राही को यह सम्मान 29 सितम्बर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित हिन्दी राष्ट्रीय अधिवेशन एवं सम्मान समारोह में दिया जाएगा जिसमें श्री राही के काव्य संग्रह "उन दिनों-1992" का विमोचन भी किया जाएगा। इस काव्य-संग्रह में गीतकार राही की वो दुर्लभ रचनाएँ हैं जो उन्होंने 10 से 17 वर्ष की बाल अवस्था में कलमबद्ध की।
"दा फिल्म एंड स्क्रीन राईटर्स एसोसिएशन मुंबई" के आजीवन सदस्य गीतकार अवनीश राही आज आॅलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक ही नहीं वरन् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कलम की खुशबू बिखेेर रहे हैं। ज्ञातव्य हो कि गीतकार राही के कुछ खास गीतों को 40 बौद्ध देशों में भी बड़े चाव से सुना जाता है।
वर्तमान में हीरालाल बारहसैनी इंटर कॉलेज अलीगढ़ में व्याख्याता पद पर आसीन गीतकार अवनीश राही ने अब तक विविध पहलुओं पर विविध रसों से सराबोर लगभग 1000 गीतों की रचना की है, जिसमें 550 गीत 100 ऑडियो/वीडियो कैसेट,सीडी/डीवीडी म्यूजिकल एल्बम के रूप में विभिन्न कंपनी जैसे टी-सीरीज, टिप्स, वीनस, लारा,चंदा,जेवीएल, शबनम,राहुल, सिसोदिया,ट्रेजर,साई रिकॉर्ड्स आदि से रिलीज़ हो चुके हैं, जिनमें कुमार सानू ,उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल,अल्का याज्ञनिक,साधना सरगम,अनूप जलोटा, शाहिद माल्या,तृप्ति शाक्या, खुशबू जैन,वंदना वाजपेयी,देबाशीषदास गुप्ता, शबाब साबरी, दामोदर राव,राजा हसन सरीखे पार्श्वगायक अपनी आवाज़ दे चुके हैं।
अगर काव्य संग्रह की बात करें तो श्री राही के लगभग एक दर्जन काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें राही की कालजयी रचनाएं कलम की वेदना, उन दिनो-1992, जीवन ज्ञानपुन्ज,ज़ख्मी कलम-सिसकते नगमें, भक्तों की पुकार, भीम गर्जना,राजीव गाँधी अमर रहेंगे आदि प्रमुख हैं इसके साथ ही कई काव्य-संग्रह प्रकाशाधीन हैं, इसके इतर श्री राही ने पिता साहित्यकार एवं कवि अमरसिंह राही के संयुक्त लेखन में भी भीम चरित मानस महाकाव्य, बुद्ध ज्ञान महासागर, व कांशीराम चरितमानस महाकाव्य जैसे वृहद महा ग्रंथों की रचना की है। जिनका विमोचन तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी , उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी व माननीय प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह जी के कर-कमलों द्वारा किया जा चुका है।
आई.पी.आर.एस. मुंबई के आजीवन सदस्य गीतकार अवनीश राही की कुछ चर्चित रचनाएँ हैं जिन्हें श्री राही पर ही फिल्माया गया है जैसे म्यूजिकल फिल्म सुनो भीम कहानी, महाकारूणिक दा लॉर्ड बुद्धा, वहीं एक और म्यूजिकल फिल्म" डॉ भीम राव अम्बेडकर जीवन-गाथा" खासी चर्चित है, जिसे टी-सीरीज कंपनी ने जारी किया है। इस म्यूजिकल फिल्म को अब तक करोड़ों दर्शकों का प्यार मिल चुका है।
फिलहाल गीतकार अवनीश राही अलीगढ़ महानगर की ओज़ोन सिटी में अपने नवनिर्मित भवन "गीत महल" में रहकर मुंबई की कई बड़े पर्दे की फीचर फिल्मों के लिए गीत लिख रहे हैं।
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